ताणीवाले व्यासों की बगीची

taniwale vyaso ki bagechi, bikaner

ताणीवाले व्यासों की बगीची

श्री रत्नषर्मा पौत्र श्री गोपालजी के वंषज ताणीवाले व्यास भी कहलाते हैं। इनके वंष में श्री फरसरामजी के पुत्र श्री शम्भुनाथजी हुए। उनके पौत्र श्री सुगनचंद ने इस बगीची की स्थापना की थी। उनके वंष वृद्धि नहीं हुई। अतः यह बगीची उन्होंने अपने थम्भवाले व्यास ताणीवाले को सार्वजनिक उपयोग के लिए प्रदान की। इस बगीची की व्यवस्था श्री ब्रजरतन ‘ब्रजुभा’ व उनके अनुज श्री बाबूलाल जी व्यास करते रहे है। यह बगीची हनुमानजी के वहां मन्दिर होने के कारण हनुमानजी की बगीची भी कहलाती है। यह रताणी व्यासों की पंचायती की बगीची के दक्षिणी भाग से सटती हुई है।